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मंगलवार, 30 अक्तूबर 2012

क्या ये भी इन्सान हैं?


                                                               क्या ये भी इन्सान हैं?

गौर तलब है कि बलजीत नगर, एफ ब्लॉक, पंजाबी बस्ती पच्चीस-तीस साल से बसी हुई है। यहां करीब चार-पांच हजार झुग्गियां हैं और आबादी बीस से पच्चीस हजार है। पर यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंग रही जैसे प्रशासन घोड़े बेचकर सोया हुआ है। हकीकत तो यह है कि लोगों को बुनियादी सुविधाओं से महरूम करने में स्वयं प्रशासन की भी भूमिका रही है। बच्चे हों, युवा हों या बूढ़े, सभी की जुबान पर इन बुनियादी सुविधाओं के अभाव का दर्द है।
बीसियों साल से रह रही मुन्नी बताती हैं कि बिना किसी नोटिस के  प्रशासन हमारी झुग्गियां तोड़ने तो आ जाता है पर न उन्हे कोई विकल्प मुहैया कराता है और न इस बात की सुध लेता है कि यहां के लोग किस हाल में जी रहे हैं। वे बताती हैं कि यहां सभी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है - पर हमारी फरियाद कौन सुनेगा।
पगली ताई के नाम से जानी जाने वाली एक वयोवृद्ध महिला ने बताया कि पहले महिलाएं शौच के लिए एक खाली जगह का इस्तेमाल करती थीं तो दूसरी ओर की ग्राउण्ड का प्रयोग पुरूष शौच के लिए किया करते थे। पर एक तरफ डी.डी.ए. वालों ने किन्ही दूसरे क्षेत्र के लोगों के लिए पुनर्वास के लिए घर बनाने के नाम पर उस खाली जगह पर कब्जा कर लिया तो दूसरी ओर प्रशासन ने स्काउट कैंप के नाम पर जगह घेर ली। अब झुग्गीबस्ती के लोग शौच के लिए जाएं तो जाएं कहां?
झुग्गीबस्ती के वरिष्ठ नागरिक श्री रामानन्द झा ने कहा कि यहां परेशानियां ही परेशानियां हैं। क्या-क्या बाताएं। हमें यहां गुजारे लायक भी पानी नहीं मिलता। यहां के निवासी कई बार बोरिंग ट्यूब वेल के बारे में कह चुके हैं। पर न यहां के निगम पार्षद के कान पर जूं रेंगती है और न विधायक के। वोट लेेने के समय  तो हाथ जोड़ते हुए आ जाते हैं। वोट मिलने के बाद भूले से भी इधर का रूख नहीं करते। हमारी बस्ती में खंड़जा डालने के लिए पहले रोड भी नप गया  था। खड़ंजा भी पास हो गया था। लेकिन विधायक ने फण्ड नहीं दिया। इस कारण अभी तक खंड़जा नहीं डाला गया। प्रशासन ने सारी जगह पर कब्जा कर लिया है। शौच के लिए जगह नहीं है। लोग बड़ी शर्मनाक स्थिति से गुजर रहे हैं।
वर्षों से यहां रह रही चालीस वर्षीया कमलेश जी ने  बताया कि यहां आसपास डिसपेंसरी की भी सुविधा नहीं हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य सेवा/जांच की कोई सुविधा नहीं है। उनको डिलीवरी के समय परेशानी हो जाती है।  सरकारी अस्पताल भी चार किलोमीटर दूर है। वहां भी कोई गर्भवती महिला जाती है तो उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। यहां से काफी दूर पर एक शौचालय है वहां रात के समय जवान लड़कियों को भेजना भी मजबूरी होती है खराब माहौल के कारण कोई अपनी जवान लड़कियों को वहां नहीं भेजता चाहता। यहां सबसे बड़ी परेशानी शौच सुविधा का न होना है।
सरकारी कर्मचारी बावन वर्षीय आर.डब्ल्यू.ए. सचिव हीरालाल वर्मा अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहते हैं कि पता नहीं प्रशासन हमें इन्सान भी समझता है या नहीं। शौच जैसी दैनिक निवृति के लिए भी झुग्गीवासियों के लिए व्यवस्था नहीं है इससे बड़ी अमानवीयता और क्या होगी। प्रशासन और राजनेता हम झुग्गीवासियों को वोटबैंक से अधिक कुछ नहीं समझते।
बलजीत नगर एफ ब्लॉक पंजाबी बस्ती के रेसीडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पचास वर्षीय प्रभुदयाल पैंटर जी ने बताया कि देखिए सच्चाई तो यह है कि प्रशासन चाहता ही नहीं कि यहां झुग्गीबस्ती रहे। इसलिए यह प्रशासन की सोची-समझी साजिश है कि यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाओं से महरूम कर दिया जाए ताकि लोग स्वयं ही यहां से चले जाएं। बाद में प्रशासन इस जगह का कोई व्यवसा यिक उपयोग कर सके। दुखद है कि कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ का नारा देने वाली कांग्रेस बड़े-बड़े पूंजीपतियों का साथ दे रही है या कह सकते हैं कि आम आदमी को पूंजीपतियों के हाथ बेच रही है। नहीं तो इतनी बड़ी आबादी के लिए न शौचालय हैं, न स्कूल है, न डिसपेंसरी है। लोग बदतर स्थिति में जीवनयापन कर रहे हैं। पर प्रशासन को इनकी बदहाली से कोई लेना देना नहीं है।

इसी प्रकार का दर्द बलजीत नगर एफ ब्लॉक पंजाबी बस्ती के आर.डब्ल्यू.ए. के अध्यक्ष श्री लाल कुमार जी के शब्दों में देखने को मिलता है। वे कहते हैं कि आर.डब्ल्यू.ए. का प्रधान होने के कारण मेरी जिम्मेदारी तो और भी बढ़ जाती है। लोग मुझ से बुनियादी सुविधाओं के लिए शिकायत करते हैं। उनकी शिकायतें जायज भी होती हैं। पर मुझ बहुत दुख होता है कि मैं चाह कर भी बस्तीवासियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाता। निगम पार्षद एवं विधायक का एसोसिएशन के लेटर हेड पर पत्र लिखकर कई बार उनका ध्यान इन बुनियादी समस्याओं की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। पर परिणाम वही ढाक के तीन पात। पर हमने हिम्मत  नहीं हारी है। अभी भी एसोसिएशन के पदाधिकारी अपने स्तर पर लगातार प्रयासरत हैं। बस्तीवासियों की ओर से मीडिया वालों से भी अनुरोध करता हूं कि वे हमारी बुनियादी समस्याओं की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करें। शायद मीडिया की पहल से ही प्रशासन कुछ राहत प्रदान करे और हम गरीबों का कुछ भला हो जाए।

संपर्कः 9818482899, 36/13 ग्राउण्ड फ्लोर, ईस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली-110008, rajvalmiki71@gmail.com